भाइयों बहनों, हम चीन को पिचकारी मार-मार कर रंग देंगे. चीन ने आतंकी का साथ दिया है. उसकी सज़ा भुगतनी होगी. हमने पाकिस्तान को घुस कर मारा. अब चीन को पिचकारी से मार देंगे. होली के पहले जितनी भी पिचकारियां आई हैं, मैं हर देशभक्त से अपील करूंगा कि वह सिर्फ तीन चीज़ें लेकर सीमा पर पहुंचे. एक बाल्टी पानी, रंग और चीन की पिचकारी. इसके बाद हम सब पिचकारी से ही चीन की सेना को ज़ुकाम करा देंगे. छींकते छींकते चीन की बोलती बंद हो जाएगी.
भाइयो बहनों, मैंने सारे एंकरों को ट्वीट किया है कि वे भी स्टुडियो में पिचकारी लेकर एंकरिंग करें. अब हर भारतीय के लिए कांग्रेसी चीन के समर्थक बन गए है. कांग्रेस के नेताओं ने पाकिस्तान का समर्थन किया है. चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया है. एंकरों से अपील है कि वे कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक और राजीव त्यागी को रंग रंग कर रंग दें. हम बदला लेंगे. हर हर मोदी, घर घर होली.
प्रधानमंत्री का यह भाषण सुनकर मैं तैयार हो कर व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के लिए निकल पड़ा. इनबाक्स के बस्ते में पड़ी किताबों को पलटने लगा. वामपंथी प्रोफेसर ने उस चैप्टर को गायब कर दिया था जिसमें चीन की पिचकारी के विरोध का इतिहास लिखा था. सुबह से एक भी मेसेज नहीं आया कि आज चीन की पिचकारी का बहिष्कार होगा. जो भारतीय चीन की पिचकारी बेचेगा वो मसूद अज़हर का दामाद होगा. अपना व्हाट्स एप स्टेटस तैयार करने के बाद मैंने उसे अबकी बार पिचकारी सरकार वाले ग्रुप में भेज दिया. वहां से वायरल हो गया.
चीन हमेशा आतंक का साथी रहा है. हमें चीन का साथ नहीं देना है. जो लोग चीन से सामान लाकर भारत का पैसा बीजिंग भेजते हैं, हम उन्हें दार्लीजिंग भेज देंगे. वहां उन्हें भारतीय मोमो बनाने की विधि की ट्रेनिंग दी जाएगी. हमने चीन को झूला झुलाया मगर चीन ने हमें झुला दिया है. हमारा काम हो गया है. सरदार पटेल की मूर्ति हमने बनवा ली है. चीन के इंजीनियर जा चुके हैं. भारतीय कारीगर बिना पगार के भी सरदार पटेल की रक्षा कर सकते हैं.
मगर हम चीन की यह धमकी बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. तभी टीवी पर प्रधानमंत्री का एक और भाषण आ गया. वे जनता से पूछ रहे थे. चीन को घर में घुस कर मारना चाहिए कि नहीं. एक एंकर ने एलान कर दिया है. चीन से युद्ध के सर्वे होने लगे हैं. सीमा पर प्रधानमंत्री के समर्थक पिचकारी भर कर जाते हुए दिख रहे हैं.
आख़िर कब तक हम चीन को लेकर चुप होते रहेंगे. नेहरू चुप हो गए लेकिन नरेंद्र चुप नहीं रहेंगे. जो नेहरू नहीं कर पाए, वही तो नरेंद्र करते हैं. वे झूला झुलाते हैं तो चीन को झुलसा भी देंगे. मार पिचकारी, मार पिचकारी रंग देंगे. चीन का चेहरा बदल देंगे. मसूद अज़हर का जो साथी है, वो चीन हमारा दुश्मन है.
तभी व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी में एक मेसेज आता है. चीन को लेकर विरोध पिचकारी और फुलझड़ी तक ही सीमित रखना है. न्यूज़ एंकरों को चीन के साथ शांति की बात करनी है. यह नहीं कहना है कि चीन ने मसूद अज़हर का साथ देकर पुलवामा के शहीदों का अपमान किया है. चीन को लेकर चुप्पी जैसे ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं चलाने हैं. चीन डर गया भारत से या भारत डर गया चीन से इस तरह के नारे चैनलों पर नहीं लिखे होंगे. एक बंदा था जो न्यूज़ रूम में जा-जाकर सबको डांट रहा था. एडिटर मुर्गा बने बैठे थे. एडिटरों के मालिक अमित शाह से ब्रीफकेस में निर्देश ले रहे थे. विज्ञापन का नया नाम निर्देश है.
फिर अचानक कोई ज़ोर से चिल्लाता है. प्रधानमंत्री मोदी का लाइव चैनलों पर आने लगता है. वो कहते हैं भाइयों और बहनों, शहीदों का अपमान कांग्रेस ने किया है. उसे हराना है. चीन अपने आप हार जाएगा. हमारी विदेश नीति इटावा से लेकर बेगुसराय तक हिट है. हम जीत रहे हैं. हमने पाकिस्तान को घुस कर मारा है. आप उसी में यह समझ लो कि हमने उसके दोस्त चीन को भी मारा है. हम वन प्लस वन नहीं करते, हम वन टू का फोर करते हैं. वन टू का फोर.
मैं सपने से बाहर आ रहा था. नींद हल्की होने लगी. खिड़की पर बैठा बारिश की बूंदे गिन रहा था. मतदान केंद्रों पर वोट पड़ रहे थे. लोग अपने झूठ से हार रहे थे. गांव गांव में लोग कह रहे थे कि विदेश नीति में मोदी जीत गए हैं. चीन की पिचकारी से चीन को हरा दिया है.
एंकर ने एलान किया. 70 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ. आज पहली बार झूठ जीत गया है. मैं जाग गया था. व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी के इनबाक्स में मेसेज चेक करने लगा था. अभी तक चीन की पिचकारी के बहिष्कार की कोई अपील नहीं आई है. क्या आपके पास ऐसे मेसेज आने लगे हैं?
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