उत्तर प्रदेश पुलिस को अभी तक उन 14 गायों के मालिक की जानकारी नहीं मिली है जिन्हें कथित तौर पर बुलंदशहर के चिंगरावठी गांव के पास मारा गया था। इसी के बाद 3 दिसंबर को बुलंदशहर में हिंसा हुई थी जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित नामके एक छात्र की मृत्यु हुई थी।
हाइलाइट्स
- पुलिस उन 14 गायों के मालिक की तलाश में जुटी है, जिन्हें कथित तौर पर बुलंदशहर के चिंगरावठी गांव के पास मारा गया था
- इसी घटना के बाद 3 दिसंबर को बुलंदशहर में भड़की थी हिंसा, पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह सहित दो लोगों की हो गई थी मौत
- ये गाएं चोरी की थीं या छुट्टा थीं? इन गायों की अवैध तस्करी की जा रही थी? इन सारे सवालों के अब तक नहीं मिले कोई जवाब
टाइम्स न्यूज नेटवर्क
Edited by Khabar live news desk-10.12.18 at 10.50 IST
रोहन दुआ, लखनऊ
पुलिस उन 14 गायों के मालिक की तलाश जोर-शोर से कर रही है, जिन्हें कथित तौर पर यूपी में बुलंदशहर के चिंगरावठी गांव के पास मारा गया था। इसी के बाद 3 दिसंबर को बुलंदशहर में हिंसा हुई थी। इस हिंसा में यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर सुबोध सिंह सहित दो लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस का कहना है कि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि ये गायें चोरी की थीं या छुट्टा थीं।
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गाये ही तो थी, 2 इंसानो को मार दिया गया, इतना होता तो गाय का दूध कोई ना पिये क्यू के गाये के दूध पर उसके बछड़े का हक है, इंसान का नही, गाये के बछड़े का हक मार के खुद दूध पी रहे है…+
Singh
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सोमवार को यूपी पुलिस ने दो केस दर्ज किए हैं, पहला गोहत्या के बारे में जिसे बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज की शिकायत पर दर्ज किया गया है, और दूसरा केस हिंसक झड़पों और दंगे से संबंधित है जिसमें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित नाम के एक छात्र की मृत्यु हो गई थी।
‘गाय चोरी की कोई शिकायत दर्ज नहीं’
यूपी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना था, ‘गाय चोरी की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। लेकिन हम हर रोज अपनी टीम हाइवे के नजदीक बसे कम से कम छह गांवों और स्याना के भीतर चार गांवों में भेजकर लोगों से पूछ रहे हैं कि क्या उनकी कोई गाय गुम है।’
यह पूछे जाने पर कि इस बात की क्या संभावना है कि इन गायों की अवैध तस्करी की जा रही थी, यूपी पुलिस ने कोई टिप्पणी नहीं की। योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक साल पहले पशुओं की अवैध तस्करी के खिलाफ अभियान शुरू किया था, इसके बाद से इस धंधे में लगे लोग डरे हुए हैं। यूपी पुलिस के एक अधिकारी का कहना था, ‘अभी तक हम मारे गए पशुओं के हत्यारों की पहचान नहीं कर पाए हैं। गायों के हत्यारों को खोजने को भी इंस्पेक्टर सुबोध और सुमित के हत्यारों को खोजने के बराबर प्राथमिकता दी जा रही है।’
गुरुवार को प्रिंसपल सेक्रटरी (गृह) अरविंद कुमार, डीजीपी ओपी सिंह और दूसरे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ हुई एक बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि पहले अवैध गाय तस्करी को रोकने के लिए अभियान चलाएं। दूसरी ओर, अभी तक न तो .32 बोर का वह हथियार बरामद हुआ है जिससे इंस्पेक्टर सुबोध सिंह पर गोली चलाकर उनकी हत्या की गई थी और न ही बजरंग दल का कोई सदस्य ही गिरफ्तार किया गया है।
नवंबर में पुलिस ने पकड़ी थीं 16 गायें
हालांकि, यूपी पुलिस के सूत्रों का कहना है कि उन्होंने नवंबर में बुलंदशहर के पास से तीन ट्रैक्टर पकड़े जिसमें 16 गायों को ले जाया जा रहा था पर इनके पास से इन गायों को खरीदने से संबंधित 3 लाख रुपये मूल्य के दस्तावेज थे।
यूपी पुलिस ने रविवार को इस बात का भी खुलासा किया था कि उन्होंने योगी सरकार के दौरान जून 2017 से नवंबर 2018 के बीच यूपी गोरक्षा अधिनियम, 1955 के तहत 3,650 आपराधिक केस दर्ज किए हैं। साथ ही इस दौरान गौरक्षा अधिनियम के उल्लंघन के 10,613 मामले भी दर्ज हुए।