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राफेल डील: CAG रिपोर्ट का सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिक्र हालांकि, सूत्रों का कहना है कि CAG ने अभी तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप ही नहीं दिया है

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल पर अपने फैसले में कहा है, ‘कीमत से जुड़े विवरण कॉम्पट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल से साझा किए जा चुके हैं और CAG की रिपोर्ट की जांच-परख PAC कर चुकी है।’ हालांकि, सूत्रों का कहना है कि CAG ने अभी तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप ही नहीं दिया है और जनवरी के आखिर तक यह पूरी होगी।

Khabar live news desk | Edited:Dec 15, 2018,1:05PM IST

नई दिल्ली 
राफेल डील की जांच की मांग वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोर्ट के फैसले को ही आधार बनाकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि PAC (पब्लिक अकाउंट कमिटी या लोक लेखा समिति) को CAG (कॉम्पट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल) की रिपोर्ट दी गई, जबकि PAC को कोई रिपोर्ट मिली ही नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से पूछा है कि CAG की रिपोर्ट कहां है, जिसका जिक्र सुप्रीम कोर्ट में किया गया है। वहीं, सूत्रों ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि CAG की रिपोर्ट को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है और जनवरी के आखिर तक यह पूरी हो सकती है। 

हाइलाइट्स

  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पेज नंबर 21 पर CAG रिपोर्ट का है जिक्र
  • कोर्ट ने कहा है कि CAG रिपोर्ट PAC के साथ साझा की जा चुकी है
  • हालांकि, सूत्रों के मुताबिक CAG की रिपोर्ट अभी पूरी ही नहीं हुई है
  • जनवरी के आखिर तक राफेल को लेकर पूरी हो सकती है CAG रिपोर्ट

CAG रिपोर्ट का सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिक्र 
क्या सुप्रीम कोर्ट के फैसले में टाइपो एरर है? पढ़कर ऐसा ही लगता है। फैसले में पेज नंबर 21 में कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने CAG के साथ राफेल की कीमतों का विवरण साझा किया है और CAG अपनी रिपोर्ट को पहले ही अंतिम रूप दे चुके हैं और उसे संसद की लोक लेखा समिति से साझा किया जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है, ‘कीमत से जुड़े विवरण कॉम्पट्रोलर ऐंड ऑडिटर जनरल से साझा किए जा चुके हैं और CAG की रिपोर्ट की जांच-परख PAC कर चुकी है।’ 

CAG और PAC दोनों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जांच-परख जारी रहने की वजह से CAG ने राफेल डील पर अपनी रिपोर्ट अभी दाखिल नहीं की है। न्यायिक प्रक्रियाओं की समझ रखने वाले विशेषज्ञों का कहना है कि कोर्ट अपने फैसले में टाइपो संबंधी गलती का सुधार कर सकता है, बशर्ते कि कोई बेंच के सामने इसका जिक्र करे। 

अगले महीने के आखिर तक आएगी CAG की रिपोर्ट 
सूत्रों ने बताया कि CAG की रिपोर्ट जनवरी के आखिर तक पूरी होने की उम्मीद है और इसमें कई दूसरे रक्षा सौदों का भी जिक्र हो सकता है। डिफेंस एक्विजिशंस पर विस्तृत रिपोर्ट के एक चैप्टर में राफेल डील को लेकर ऑडिटर की राय का निचोड़ रखे जाने की संभावना है। 

एक बार जब CAG अपनी रिपोर्ट को दाखिल कर देगी, उसके बाद सरकार यह तय करेगी कि उसे किस तारीख और किस समय संसद के पटल पर रखा जाए। कभी-कभी इसमें महीनों तक की देरी होती है। संसद में CAG रिपोर्ट रखे जाने के बाद इसे पब्लिक अकाउंट्स कमिटी (PAC) के सामने भेजा जाता है। PAC का प्रमुख सत्ताधारी दल के सदस्य के बजाय विपक्षी दल का सदस्य होता है। अभी कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे PAC के चेयरमैन हैं। 

CAG पिछले साल से ही राफेल डील का ऑडिट कर रहा है। इसमें फाइटर जेट्स की कीमत, प्रतिस्पर्धियों की बोलियों और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद दूसरे फाइटर जेट्स की कीमतों से इसकी तुलना जैसी बातें शामिल हैं। 

राहुल गांधी ने फिर दोहराया राफेल में भ्रष्टाचार का आरोप 
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को इस विमान सौदे में भ्रष्टाचार होने का आरोप फिर दोहराया और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बताए कि इस मामले पर CAG की रिपोर्ट कहां है, जिसका जिक्र कोर्ट में किया गया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि पीएसी (लोक लेखा समिति) को कैग रिपोर्ट दी गई है, जबकि पीएसी को कोई रिपोर्ट नहीं मिली।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘ये कैसे हो सकता है कि जो कैग रिपोर्ट फैसले की बुनियाद है, वो पीएसी में किसी को नहीं दिखी लेकिन उच्चतम न्यायालय में दिखी?’ उन्होंने कहा, ‘जब कोई झूठ बोलता है तो वह कहीं न कहीं नजर आ जाता है। अब सरकार हमें बताए कि सीएजी रिपोर्ट कहा हैं? हमें यह दिखाएं।’ 

 

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