लोकसभा चुनाव के शुरु होते ही BJP को बड़ा झटका लगा है। हिमाचल प्रदेश की बीजेपी सरकार में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया है।
माना जा रहा है कि उन्होंने यह इस्तीफा इसलिए दिया है क्योंकि उनके बेटे आश्रय शर्मा कांग्रेस के टिकट पर मंडी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि आश्रय पहले भाजपा के टिकट पर मंडी से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन पार्टी हाईकमान ने उन्हें टिकट न देकर रामस्वरूप शर्मा को अपना उम्मीदवार बनाया।
जिसके बाद आश्रय ने कांग्रेस का हाथ थामा और उन्हें कांग्रेस से टिकट मिल गया। इससे पहले अनिल शर्मा और BJP नेताओं के बीच ज़ुबानी जंग देखने को मिली थी। बीते दिन भी अनिल भाजपा के खिलाफ मुखर हुए थे और खूब तंज कसे थे।
बुधवार को उन्होंने रामस्वरूप शर्मा के ख़िलाफ मीडिया में बयान देकर उनसे पांच साल का हिसाब मांगा था। जिसके बाद अनिल शर्मा की विदाई तय मानी जा रही थी। हालांकि पहले अनिल शर्मा ने पार्टी न छोड़ने का फैसला किया था। लेकिन बाद में उन्होंने अपना फैसला बदल दिया और आखिरकार मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
अनिल शर्मा के इस्तीफे पर अब अंतिम फैसला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को करना है। वह इस्तीफा राज्यपाल को मंजूरी के लिए भेजते हैं या फिर चुनावों के बाद उस पर विचार करेंगे, यह अब देखने वाली बात है।
कौन हैं अनिल शर्मा
अनिल शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम खर्मा के बेटे हैं। वह मंडी की सदर सीट से विधायक हैं। 2017 में हिमाचल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अनिल शर्मा अपने परिवार सहित कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए थे। वह बीती कांग्रेस सरकार में भी मंत्री थे। चार बार विधायक चुने जाने वाले अनिल शर्मा 1998-2004 तक राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।
इसके अलावा, अनिल शर्मा के बेटे आयुष की शादी बॉलीवुड के दबंग खान सलमान खान की बहन अर्पिता खान से हुई है।
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