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6 महीने, इनकम टैक्स के 15 छापे, सारे के सारे सिर्फ मोदी विरोधियों पर ही क्यों?

Is Narendra Modi Government harrasing the opposition leaders by carried out Income tax raids

 

क्या चोरों को पकड़ने में चौकीदार भेदभाव कर रहा है? ये सवाल इसलिए क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापों पर विपक्ष कुछ ऐसा ही बोल रहा है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन काम करता है. बीते 6 महीने के दौरान आयकर विभाग ने 15 छापे सिर्फ विरोधी दलों के नेताओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ डाले. कर्नाटक में 5, तमिलनाडु में 3, आंध्र प्रदेश में 2 और 2 छापे दिल्ली में डाले गए. बाकी मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में एक-एक सर्च ऑपरेशन चले. इस पूरे फेज में उत्तराखंड के सिर्फ एक भाजपा नेता के घर इनकम टैक्स का छापा पड़ा. उससे भी पार्टी ने पल्ला झाड़ लिया. चुनाव आयोग की ओर से मांगी गई सफाई के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और सीबीडीटी ने इन छापों को निष्पक्ष कार्रवाई बताया है.

किन लोगों को निशाने पर लिया आयकर विभाग ने?
हाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स छापे पड़े. इसके बाद से ही विपक्ष आरोप लगा रहा है कि छापे राजनीतिक हैं. कांग्रेस को बदनाम करने के लिए डाले गए. इनकम टैक्स विभाग सरकार की हाथ की कठपुतली बना हुआ है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मध्य प्रदेश से पहले आंध्र प्रदेश में इनकम टैक्स के छापे पड़े थे. ये छापे तिरुपति देवस्थानम के चेयरमैन और तेलुगुदेशम पार्टी के मैदुकुर विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार पुट्टा सुधाकर यादव और तेलुगुदेशम पार्टी के नेता और कारोबारी सीएम रमेश के यहां डाले गए थे.

छापों के बाद चंद्रबाबू नायडू ने कड़ी नाराजगी जताई. फाइल फोटो.
छापों के बाद चंद्रबाबू नायडू ने कड़ी नाराजगी जताई. फाइल फोटो.

29 मार्च, 2019 को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने तमिलनाडु में छापा मारा था. यहां उसने डीएमके के कोषाध्यक्ष और कटपदी से विधायक दुरई मुरुगन और उनके बेटे डीएम कथिर आनंद के संस्थानों पर छापे मारे थे. इससे ठीक दो दिन पहले 27-28 मार्च को आयकर विभाग ने कर्नाटक में विरोधियों को निशाना बनाया. कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर की सरकार है. विभाग ने कर्नाटक के मांड्या में छापा मारा. यहां जेडीएस नेता और कर्नाटक के लघु सिंचाई मंत्री सीएस पुट्टा राजू के यहां छापा पड़ा. पुट्टा राजू मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे निखिल का चुनाव मैनेजमेंट देख रहे थे.
उसी दिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के भाई और कर्नाटक के पीडब्लूडी मिनिस्टर एचडी रेवन्ना के हासन स्थित ठिकानों पर छापा मारा. इस दौरान रेवन्ना के करीबी अश्वथ नारायन रेड्डी और राया गौड़ा के घर पर भी छापे मारे गए. इनकम टैक्स विभाग दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता कैलाश गहलोत और नरेश बालियान के खिलाफ भी छापे मार चुका है. यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती के करीबी के रिटायर्ड आईएएस नेतराम के यहां भी इनकम टैक्स का छापा पड़ा.

क्या इन छापों के राजनीतिक मायने हैं?
इनकम टैक्स के छापों के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एक ट्वीट किया. इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को टैग करते हुए लिखा,

‘इनकम टैक्स के छापों ने पीएम नरेंद्र मोदी की असली सर्जिकल स्ट्राइक का खुलासा कर दिया है. इनकम टैक्स अफसर बालकृष्ण को संवैधानिक पद का लालच दिया गया है. इस वजह से वो प्रधानमंत्री की बदले की राजनीति में मदद कर रहे हैं. ये बेहद खेदजनक है कि चुनाव के वक्त में सरकारी मशीनरी और भ्रष्ट अफसरों को विपक्षी दलों को परेशान करने के लिए लगा दिया गया है.’

कुमारस्वामी ने दो और ट्वीट किए-

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी इन छापों पर कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा कि,

विरोधी दलों के नेताओं को परेशान करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय और इनकम टैक्स विभाग में स्पेशल टीमें बनाई गई हैं.

छापों के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ क्या बोले थे. ज़रा उस पर भी गौर कर लीजिए. कमलनाथ ने 9 अप्रैल को कहा,

‘बीते तीन दिन से कमलनाथ के ऊपर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है. मेरे पूरे राजनीतिक करियर के दौरान मुझे कोई मजबूर नहीं कर सका है. ये मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है. जिनके घरों में नकदी बरामद हुई है, उनका भाजपा नेताओं से संबंध है. ये सब केंद्रीय एजेंसियों का खेल है. मैं इससे परेशान नहीं होता.’

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापों से होता क्या है?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कारोबारी साल 2016 से फरवरी 2018 तक इनकमट टैक्स विभाग ने 2,126 तलाशी और जब्ती अभियान चलाए. इनमें से ज्यादातर केस छूट गए. महज 89 लोग ही दोषी पाए गए. वित्त वर्ष 2016 में 447, 2017 में 1,152 और 2018 में फरवरी तक 527 छापे पड़े. तीनों साल में क्रमशः 28, 16 और 45 लोग इनकम टैक्स चोरी के दोषी पाए गए.

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