केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का कहना है कि आरएसएस और भाजपा केरल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। विजयन के मुताबिक हिंसा में शामिल 91.71 फीसदी लोग संघ परिवार के समूहों से जुड़े हुए हैं। इसमें जनप्रतिनिधियों, मीडिया, घरों और पार्टी कार्यालयों पर हमले शामिल हैं। गौरतलब है कि सबरीमाला मुद्दे पर केरल में भाजपा-आरएसएस और सत्ताधारी माकपा कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। राज्य में शनिवार देर रात तक जारी उपद्रव का असर रविवार सुबह तक देखा गया। इस दौरान राजनीतिक रूप से अस्थिर कुन्नूर जिले में कई घरों और दुकानों को निशाना बनाया गया। कुछ भाजपा नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया गया। जिला प्रशासन को निषेधाज्ञा लागू करनी पड़ी।
सीएम पिनाराई विजयन ने एलान किया है कि केरल में लोगों की निजी संपत्ति की रक्षा के लिए केरल सरकार ने “निजी संपत्ति के नुकसान को रोकने और मुआवजे के भुगतान” के लिए अध्यादेश लाने का फैसला किया है।
केरल पुलिस ने सोमवार को चार आरएसएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा भड़काने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें नूरानंद प्रवीण भी शामिल है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने नेदुमंगद पुलिस स्टेशन में बम फेंका था। यह हिंसा सबरीमाला समिति द्वारा 3 जनवरी को हड़ताल बुलाने के दौरान हुई।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि भाजपा-आरएसएस और सत्तारूढ़ माकपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी।
मामले पर भाजपा सांसद वी मुरलीधरन का कहना है, “आधी रात को मेरे घर के बाहर भी देसी बम फेंका गया, संयोग से कोई घायल नहीं हुआ, ये हिंसा पैद करने और भाजपा कार्यकर्ताओं को जवाबी कार्रवाई के लिए उकसाने का प्रयास है। राज्य सरकार इसे भाजपा बनाम सीपीएम का मुद्दा बनाना चाहती है।”
मंदिर समिति ने राज्य स्तर पर हड़ताल बुलाई थी। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि आरएसएस प्रचारक पुलिस स्टेशन में मौजूद पुलिस के समूह पर बम फेंक रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि प्रवीण के पास बैग में बहुत से बम हैं और वह पुलिस स्टेशन को निशाना बनाते हुए उन्हें फेंक रहा है।
यह हड़ताल बिंदु और कनका नाम की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के विरोध में बुलाई गई थी। जिन्होंने बुधवार की सुबह सबरीमाला मंदिर में प्रवेश किया था। प्रवीण की पहचान आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में हुई है।
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